mera vala blog
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दिल में आज लगी है आग बुझाने का कोई नाम नहीं .
गम की अँधेरी रात सामने खुशियों की कोई रात नहीं ..
आग का दरिया सामने खड़ा है
बाकी सारा जीवन पड़ा है
तन्हाईयो के साये हर तरफ है छाए .
घनघोर घटा उठी गम की खुशियों की बरसात नहीं
दिल में आज लगी है आग बुझाने का कोई नाम नहीं .
गम की अँधेरी रात सामने खुशियों की कोई रात नहीं .
खून की जो ले स्याही हडियों की कलम बनाएं
फिर भी जालिम तेरा दिया दुःख लिखा न जाये
जब जब दिल को तेरी याद सताए
उस याद को मिटा सके ऐसा कोई जाम नहीं
दिल में आज लगी है आग बुझाने का कोई नाम नहीं .
गम की अँधेरी रात सामने खुशियों की कोई रात नहीं
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