mera vala blog
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साकी आज तू मेरा पैमाना भर दे
मेरे गम को तू बेमाना करदे
तिल तिल कर के जो मैं मर रहा हूँ
आंसुओं से तालाब भर रहा हूँ
ताजा आज कोई जखम पुराना करदे
दीवानगी में उनकी खोज रहा हूँ
उनके दिए गमों को भोग रहा हूँ
तीर उनके और हमारा जिगर निशाना कर दे
नीलाम हो रही थी मुहबत मेरी
मुझको डुबो रही थी सोहबत तेरी
वक़्त का क्या पता कब अपनों को बेगाना करदे
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