Menu
blogid : 8682 postid : 113

वक़्त का क्या पता कब अपनों को बेगाना करदे

mera vala blog
mera vala blog
  • 59 Posts
  • 90 Comments

साकी आज तू मेरा पैमाना भर दे
मेरे गम को तू बेमाना करदे

तिल तिल कर के जो मैं मर रहा हूँ
आंसुओं से तालाब भर रहा हूँ
ताजा आज कोई जखम पुराना करदे

दीवानगी में उनकी खोज रहा हूँ
उनके दिए गमों को भोग रहा हूँ
तीर उनके और हमारा जिगर निशाना कर दे

नीलाम हो रही थी मुहबत मेरी
मुझको डुबो रही थी सोहबत तेरी
वक़्त का क्या पता कब अपनों को बेगाना करदे

Read Comments

    Post a comment

    Leave a Reply