Menu
blogid : 8682 postid : 136

मुहबत मेरी आज सिक्कों में तुल गयी ,

mera vala blog
mera vala blog
  • 59 Posts
  • 90 Comments

मुहबत मेरी आज सिक्कों में तुल गयी ,
बरसों पुराने प्यार को इक पल में भूल गयी !

चांदी के चंद सिक्के ईमान डिगाने को काफी हैं ,
सोने की इक खनक प्यार भुलाने को काफी है ,
छोड़ के बाँहों के झूले आज वो चांदी के झूलों में झूल गयी!

ऊँचे – ऊँचे महलों की वो रानी हो गयी ,
गुजरे ज़माने की बातें मेरी कहानी हो गयी ,
बेमोल मुहबत मेरी आज कोडी के मूल (mulya )गयी !

गाड़ियों में बैठ कर वो अजनबी सी हो गयी ,
मेरी जिन्दगी की कहानी गजनवी सी हो गई ,
अपनी तो छोड़ो यारो उसकी तो किस्मत खुल गयी

नामदेव जिन्दगी में में रोना ही पड़ गया ,
उम्र सारी दुखों से लड़ना ही पड़ गया ,
जिन्दगी मेरी पूरी की पूरी पत्थरों में रुल गयी!

Read Comments

    Post a comment

    Leave a Reply